आडवाणी को खत्म करने की साजिश

Lal krishna advani

आदरणीय भावी प्रधानमंत्री जी… आप इन दिनों भाजपा की किसी ऐसी चुनावी सभा में जाएं या पार्टी की मीटिंग में, जहां आडवाणी भी मौजूद हों, तो उन्हें इसी संबोधन से संबोधित किया जाता है. वे इस पर कोई एतराज़ भी नहीं जताते. उनकी गैरमौजूदगी में भी लोग उनका ज़िक्र इसी पद-संबोधन से करते हैं. भारतीय राजनीति के इतिहास में पहली बार यह पद सृजित हुआ है. कई टेलीविजन चैनलों ने भी आडवाणी को पीएम इन वेटिंग कहना शुरू कर दिया

ऐसी लोकसभा मत चुनिए

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आने वाला आम चुनाव यानी पंद्रहवीं लोकसभा का चुनाव भारतीय लोकतंत्र का भविष्य लिखेगा. देश के नौजवान , किसान, दलित और अल्पसंख्यकों की यह जिम्मेदारी है कि वे सही लोगों को संसद के लिए चुनें. ऐसे लोगों को न चुनें, जिनका विश्वास भारतीय संविधान, देश की एकता और मानवीय मूल्यों में नहीं है. अगर आप इस बार नहीं चेते, तो आपको अगली लोकसभा के लिए वोट देने का अवसर नहीं मिल सकेगा. मिलेगा तो नौजवानों और आम जनता को अंधेरा भविष्य.

बीजेपी-की सरकार बनाना चाहता है- मोसाद

moshad

मैं किसी के घर खाना खाने नहीं जाता, यह हमारी प्रथा के खिलाफ है. आडवाणी जी के घर आया हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि मैं अपने घर में आया हूं. इजरायल और भारत में दोस्ती के लिए गृह मंत्री के रूप में आडवाणी जी ने अहम भूमिका अदा की. यह एक ऋण है, जो हम हमेशा याद रखेंगे.    मोसाद के मंसूबों का बीजारोपण हिंदुस्तान में आडवाणी की वजह से ही हुआ इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद भारत में